जनशक्ति के रूप में किसी क्षेत्र की जनसंख्या का मूल्यांकन उसका सर्वाधिक महत्वपूर्ण पक्ष है क्योंकि क्षेत्र विशेष की जनसंख्या उसके सम्पूर्ण भौगोलिक व्यक्तित्व का परिचायक होती है। किसी क्षेत्र में निवास करने वाली जनसंख्या क्षेत्र के परिवेश मानव वर्गों के गुणों उद्देश्यों एवं प्राविधिकी क्षमताओं का प्रतिफल होती है। विभिन्न प्रकार की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विविध जनसांख्यिकीय अभिलक्षणों जैसे- जनसंख्या की वृद्धि, वितरण, घनत्व, जन्म एवं मृत्यु दर तथा आर्थिक विशेषताओं के विश्लेषण के लिए जनसंख्या का अध्ययन आवश्यक होता है। देश तथा प्रदेश के लिए उसकी जनसंख्या आर्थिक विकास का साधन एवं साध्य दोनों होती है क्योंकि मानवीय श्रम तथा तकनीकी कुशलता समस्त उत्पादनों का मूलाधार है। इस दृष्टि से मध्यप्रदेश में जनसंख्या वृद्धि का स्थानिक विश्लेषण करके बढ़ती जनसंख्या के अनुरूप संसाधनों एवं खाद्यान्नों की आपूर्ति का विश्लेषण अपेक्षित है।
शब्दकोशः संसाधन, अन्तरक्षेत्रीय, अन्तराक्षेत्रीय, प्रतिवेदन, विषमताऐं, कालिक, आरेखीय।
Article DOI: 10.62823/IJEMMASSS/7.3(III).8095