कृषि उत्पादकता और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में सिंचाई की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जो जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील हैं। यह शोध पत्र बिहार के दरभंगा जिले में सिंचाई प्रणालियों के स्थानिक वितरण और दक्षता का एक व्यापक प्रखंड-स्तरीय विश्लेषण प्रस्तुत करता है। अध्ययन से पता चलता है कि दरभंगा में वर्षा पर महत्वपूर्ण निर्भरता है, जहाँ कुल कृषि योग्य क्षेत्र का केवल 19 प्रतिशत ही वर्षा के अलावा अन्य स्रोतों से सिंचित होता है। भूजल संसाधन, मुख्य रूप से मध्यम नलकूपों के माध्यम से प्राप्त किए जाते हैं, जो सिंचित भूमि का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा हैं, जो भूजल उपयोग की ओर एक रणनीतिक बदलाव को उजागर करता है। दरभंगा जिले के 18 प्रखंडों में सिंचाई कवरेज तथा बुनियादी ढांचे में स्पष्ट स्थानिक असमानताओं को दर्शाते हैं। शुद्ध सिंचित क्षेत्र एवं सकल सिंचित क्षेत्र के अनुपात तथा नलकूप घनत्व के आधार पर दक्षता आकलन, भूमि उपयोग और बुनियादी सिंचाई ढांचे की तैनाती के विभिन्न स्तरों को प्रस्तुत करते हैं। जिले में मोटी जलोढ़ जलभृतों (ंुनपमिते) से पर्याप्त भूजल क्षमता है, फिर भी यह व्यापक आर्सेनिक और लौह संदूषण, साथ ही कृषि अपवाह से होने वाले प्रदूषण से गंभीर रूप से चुनौतीग्रस्त है। यह शोध पत्र वर्षा पर निर्भरता, बाढ़ की समस्या तथा पानी की गुणवत्ता के मुद्दों के अंतर्संबंध पर जोर देता है, जिसमें भूजल उपयोग को अनुकूलित करना, संयुक्त उपयोग को बढ़ावा देना तथा एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन नीतियों के माध्यम से पानी की गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को दूर करना शामिल है।
शब्दकोशः सिंचाई प्रणालियाँ, स्थानिक वितरण, सिंचाई दक्षता, भूजल, जलोढ़ जलभृतों, नलकूप, प्रखंड-स्तरीय विश्लेषण, जल संसाधन प्रबंधन।
Article DOI: 10.62823/IJEMMASSS/7.3(III).8094