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बैंक ऑफ इंडिया की वित्तीय योजनाओं का ग्रामीण कृषकों पर प्रभावः धार जिले का एक सर्वेक्षण अध्ययन

डॉ. नितिन बड़ेजा एवं अजय भिड़े (Dr. Nitin Badeja & Ajay Bhidey)

भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बैंकिंग संस्थानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। विशेषतः कृषि प्रधान क्षेत्रों में बैंकों द्वारा प्रदत्त वित्तीय योजनाएँ न केवल कृषकों को आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं, बल्कि आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने हेतु प्रेरित भी करती हैं। बैंक ऑफ इंडिया, एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्रीय बैंक, धार जिले में ग्रामीण कृषि विकास हेतु विविध वित्तीय योजनाएँ संचालित करता है। इस अध्ययन का उद्देश्य इन योजनाओं के प्रत्यक्ष प्रभाव का आकलन करना है। यह अध्ययन धार जिले के 128 ग्रामीण कृषकों पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य बैंक ऑफ इंडिया द्वारा संचालित विभिन्न वित्तीय योजनाओं जैसे किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी), कृषि ऋण, फसल बीमा योजना, ब्याज सब्सिडी योजना आदिके प्रभाव का विश्लेषण करना है। शोध के लिए प्राथमिक आंकड़ों का संग्रह प्रश्नावली और साक्षात्कार विधि से किया गया तथा प्राप्त समंक का प्रतिशत आधारित विश्लेषण किया गया। अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ कि अधिकांश कृषकों को इन योजनाओं से कृषि निवेश, उत्पादन, आय और आत्मनिर्भरता में सकारात्मक लाभ प्राप्त हुए हैं। साथ ही, बैंक अधिकारियों का सहयोग भी संतोषजनक पाया गया। यद्यपि कुछ योजनाओं की जानकारी का अभाव, प्रक्रिया की जटिलता और समयबद्ध वितरण की चुनौतियाँ भी रहीं, फिर भी कुल मिलाकर बैंक ऑफ इंडिया की वित्तीय योजनाएँ ग्रामीण कृषकों के आर्थिक विकास में सहायक सिद्ध हो रही हैं। यह शोध ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की प्रभावशीलता को समझने तथा नीतिगत सुझाव देने हेतु उपयोगी है।

शब्दकोशः ग्रामीण कृषक, बैंक ऑफ इंडिया, वित्तीय योजनाए, ऋण उपयोगिता।
 


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