राजस्थान, भारत का एक प्रमुख सांस्कृतिक राज्य, प्राचीन धार्मिक परंपराओं और विविध लोकआस्थाओं का धनी केंद्र रहा है। सूर्य पूजा, अर्थात सूर्य देवता की आराधना, इस क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक जीवनशैली में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह शोध राजस्थान में सूर्य पूजा की परंपरा, उसके ऐतिहासिक विकास, लोककथाओं, लोक-त्योहारों तथा स्थानीय संस्कृति में उसके प्रभाव का अ/ययन करता है। शोध में यह पाया गया कि राजस्थान में सूर्य पूजा न केवल वैदिक और पुराणिक परंपराओं से जुड़ी है, बल्कि यह ग्रामीण जीवन, कृषि-व्यवस्था तथा लोकसंस्कृति में भी गहराई से समाई हुई है। विशेष रूप से मकर संक्रांति, छठ पूजा (पूर्वी राजस्थान में), तथा सूर्य मंदिरों जैसे झुंझुनूं का सूर्यमंदिर और व्ेपंद (ओसियां) जैसे तीर्थस्थल इसकी धार्मिक महत्ता को दर्शाते हैं। राजस्थानी लोकगीतों, भजनों और चित्रकला में भी सूर्य की महिमा का वर्णन मिलता है। शोध का निष्कर्ष यह है कि सूर्य पूजा राजस्थान की धार्मिक विविधता का एक महत्वपूर्ण आयाम है, जो आधुनिकता के प्रभाव के बावजूद आज भी जीवित है और लोगों के सांस्कृतिक व आ/यात्मिक जीवन में गहराई से जुड़ी हुई है।
शब्दकोशः सूर्य पूजा, लोककथा, लोकसंस्कृति, कृषि-व्यवस्था, आ/यात्मिक जीवन, चित्रकला।