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विविध क्षेत्रों में प्राचीन भारतीय विद्वानों का योगदान (चाणक्य ‘अर्थशास्त्र’ के विशेष सन्दर्भ में)

तृप्ति शुक्ला (Trapti Shukla)

भारत का प्राचीन इतिहास ज्ञान, विज्ञान और कला की अद्वितीय धरोहरों से परिपूर्ण है। प्राचीन भारतीय विद्वानों ने न केवल भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया, बल्कि विश्व को भी अमूल्य योगदान दिया। उनका अनुसंधान और नवाचार न केवल उनके युग के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायक है। विविध क्षेत्रों जैसे गणित, खगोल विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य, दर्शन, कला और वास्तुकला में इन विद्वानों का योगदान अद्वितीय रहा। आर्यभट्ट, चरक, सुश्रुत, पतंजलि, कालिदास और अन्य अनेक विद्वानों ने अपने-अपने क्षेत्रों में गहन अध्ययन और अनुसंधान के माध्यम से नए आयाम स्थापित किए। प्राचीन भारतीय विद्वानों के विविध क्षेत्रों में योगदान को समझने का प्रयास करती है। इस संदर्भ में हम कुछ प्रमुख उदाहरणों के माध्यम से देखेंगे कि कैसे इन विद्वानों ने न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व को अपने ज्ञान से लाभान्वित किया।

शब्दकोशः चाणक्य ‘अर्थशास्त्र’, प्राचीन इतिहास, विज्ञान, कला, अनुसंधान और नवाचार।


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