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अफीम की खेती के पर्यावरणीय प्रभावों का सार्थकता परीक्षणः चितौड़गढ जिलें का विशेष अ/ययन

महेश कुमार मीना (Mahesh Kumar Meena)

चित्तौड़गढ़़ जिला राजस्थान के दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्वी भाग में 24013’ से 25013’ उत्तरी अक्षांश और 74004’ से 75053’ पूर्वी देशान्तर के म/य अवस्थित है।  राजस्थान का चित्तौड़गढ़़ जिला समुद्री तल से औसतन ऊँचाई एक हजार छः सौ फीट है। जिले का अधिकांश भू-भाग दक्षिण तटवर्ती और अरावली उपत्यकाओं से आच्छादित है। राज्य के दक्षिणी-पूर्वी भागों में ज्यादा वर्षा होती है और जैसे-जैसे उŸार-पश्चिम की ओर जाते है, वर्षा की मात्रा कम होती जाती है। अफीम पोस्त की खेती ने देश के पहाड़ी क्षेत्रों में अफीम पोस्त की खेती के लिए अनियंत्रित वनों की कटाई तथा पहाड़ी ढलानों पर अफीम पोस्त के उत्पादन हेतु प्रयुक्त विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों तथा खरपतवारनाशकों एवं कीटनाशकों के बड़े पैमाने पर प्रयोग होने से पर्यावरण पर प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से नकारात्मक प्रभाव डाले है। इसके साथ ही अफीम पोस्त के उत्पादन क्षेत्रों के नजदीकी गांवों के निवासियों के लिए अनेक प्रकार के स्वास्थ्य सम्बन्धी खतरे भी उत्पन्न किये हैं।

शब्दकोशः अफीम पोस्त, खरपतवारनाशक, कीटनाशक, पर्यावरण।
 


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