जयपुर, जिसे श्पिंक सिटीश् के नाम से जाना जाता है, भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। इस शोध पत्र में जयपुर जिले में पर्यटन के ऐतिहासिक विकास, वर्तमान स्थिति तथा भविष्य की संभावनाओं का विश्लेषण किया गया है। अध्ययन में यह पाया गया कि पर्यटन न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करता है, बल्कि सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होता है। शोध में प्राथमिक एवं द्वितीयक आंकड़ों के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि उचित योजना, बुनियादी ढाँचे में सुधार, और डिजिटल प्रचार-प्रसार के माध्यम से जयपुर में पर्यटन को और अधिक विकसित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण पर्यटन, चिकित्सा पर्यटन और पारंपरिक हस्तशिल्प के माध्यम से भी क्षेत्र में रोजगार और आय के नए अवसर उत्पन्न हो सकते हैं। अंततः, शोध यह निष्कर्ष निकालता है कि यदि नीति निर्धारण और क्रियान्वयन में समन्वय स्थापित किया जाए, तो जयपुर जिला देश के पर्यटन मानचित्र पर एक आदर्श मॉडल बन सकता है।
शब्दकोशः पर्यटन विकास, जयपुर, सांस्कृतिक विरासत, रोजगार अवसर, पर्यटन संभावनाएं।