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जयपुर क्षेत्र में विरासत पर्यटनः एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

चंचल गुप्ता एवं डॉ. पूर्णिमा मिश्रा (Chanchal Gupta & Dr. Purnima Mishra)

यह अध्ययन जयपुर क्षेत्र में विरासत पर्यटन के महत्व और विकास पर आधारित है, जिसमें इसके स्थानीय अर्थव्यवस्था, संस्कृति और धरोहर संरक्षण पर प्रभाव का विश्लेषण किया गया है। जयपुर, जो अपनी समृद्ध ऐतिहासिक, वास्तुशिल्प और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस शोध का उद्देश्य क्षेत्र में विरासत पर्यटन के विभिन्न पहलुओं की जांच करना है, जिसमें इसके द्वारा उत्पन्न चुनौतियाँ और अवसर शामिल हैं। अध्ययन में विभिन्न धरोहर स्थलों जैसे महल, किलों और मंदिरों की भूमिका का मूल्यांकन किया गया है और यह भी जांचा गया है कि स्थानीय प्रशासन और पर्यटन एजेंसियाँ पर्यटकों के अनुभव को बढ़ाने के लिए कौन-कौन सी रणनीतियाँ अपनाती हैं। इसके अतिरिक्त, शोध में पर्यटन विकास और जयपुर की पारंपरिक वास्तुकला और सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण के बीच के रिश्ते का अध्ययन किया गया है। गुणात्मक और मात्रात्मक विधियों जैसे सर्वेक्षण, साक्षात्कार और केस स्टडी के माध्यम से यह अध्ययन जयपुर में विरासत पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारकों का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। निष्कर्षों में यह बात सामने आई है कि विरासत स्थलों पर पर्यटन के लाभों के साथ-साथ संरक्षण के बिना पर्यटन से होने वाले संभावित खतरे भी हैं। यह पेपर दीर्घकालिक धरोहर संरक्षण सुनिश्चित करते हुए पर्यटन क्षेत्र की बढ़ती आवश्यकताओं के साथ संतुलन बनाए रखने के लिए स्थायी पर्यटन प्रथाओं के लिए सिफारिशें प्रदान करता है।
शब्दकोशः विरासत पर्यटन, जयपुर, सांस्कृतिक धरोहर, पर्यटन विकास, आर्थिक प्रभाव, धरोहर संरक्षण।
 


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