महिलाऐं प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सामाजिक एवं आर्थिक गतिविधियों में अपनी भागीदारी रखती है जैसे घर के घरेलू कार्य करना कृषि में कृषि कार्यों में योगदान देकर फसल को अच्छा बनाकर आय बढ़ाने में मदद करना। अल्फा मिर्डज तथा वयोला क्लयान (1875) ने अपनी किताब वीमेन टु रोल्स में लिखा है कि समाज में कार्य का विवरण लैंगिक आधार पर हुआ है, भारत देश में पुरुष प्रधान समाज में पुरुष अपने अहं सम्मान एवं महिलाओं की उन्नति के कारण पुरुष महिलाओं को शोषण एवं उत्पीड़न का शिकार बनाते रहे है। पुरुष महिलाओं को अपनी जड़श्वरदि गुलाम बनाये रखना चाहता है। महिलाओं की आजादी उसके पुरुषवादी अहं को चुनौती देती है।
आज के युग में महिला आधुनिकीकरण में परम्परावादी विचारों एवं मान्यताओं को छोड़कर नवीन विचारों, मूल्यों समानता, प्रत्येक क्षेत्र में स्वतंत्रतावादी सोच विवेक पूर्ण दृष्टिकोण, समान लैंगिक विचारधारों की प्रवृत्ति के आधार पर जीवन के विकल्प को चुनने में सक्षम है।
Article DOI: 10.62823/IJEMMASSS/7.1(II).7266