ISO 9001:2015

महिला सशक्तिकरण और राजस्थान

श्री सत्यनारायण खींची (Sh. Satya Narayan Khinchi)

हमारे देश की कुल आबादी में महिलाओं की हिस्सेदारी करीब आधी हैं। लेकिन अगर हम आर्थिक, शिक्षा, सामाजिक, राजनैतिक और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में उनकी भागीदारी की बात करें तो उनकी हिस्सेदारी आधे से भी बहुत कम है जो महिलाओं के जन्म से पहले से ही जीवन के विभिन्न मोर्चों पर उनके साथ होने वाले भेदभाव का परिणाम है अतः महिलाओं को महिला सशक्तिकरण की तत्काल आवश्यकता हैं। पुरूष और महिला समाज व देश के निर्माण के पूरक तत्व है। किसी भी राष्ट्र के विकास का सीधा संबंध उस राष्ट्र की महिलाओं के विकास से जुड़ा होता हैं। महिलाओं के बिना व्यक्ति, परिवार और समाज के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती हैं। महिला सशक्तिकरण (ॅवउमद म्उचवूमतउमदज) का अर्थ है महिलाओं को सामाजिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए समान अवसर प्रदान करना। महिला सशक्तिकरण का उद्देश्य महिलाओं को इस हद तक सशक्त बनाना है कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवनशैली, करियर आदि सहित अपने जीवन के चुनौतियों का स्वतन्त्र रूप सामना कर सके। महिला सशक्तिकरण के मा/यम से समाज की सभी महिलाओं पुरूषों के बराबर अधिकार, स्थिति और शक्ति प्राप्त हो सके। पुरे विश्व में 08 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।महिलाओं के विकास एवं सशक्तिकरण हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार विभिन्न योजनाएॅ चला रही है जैसे - बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं, उज्ज्वला योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री राजश्री योजना, मुख्यमंत्री कन्या दान योजना, इंदिरा प्रियदर्शनी योजना इत्यादि।

शब्दकोशः महिला, सशक्तिकरण, शिक्षा, समाज।
 


DOI:

Article DOI:

DOI URL:


Download Full Paper:

Download