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रोजगार सृजन में मनरेगा के प्रभाव का विश्लेषणः चुरू जिले का एक अ/ययन

धन्ना राम जानू एवं प्रो़ कृष्णा गुप्ता (Dhann Ram Janu & Prof. Krishna Gupta)

स्वतंत्रता के पश्चात देश का तीव्र गति से आर्थिक विकास करने के लिए सरकार द्वारा अनेक विकासपरक योजनाएं संचालित की गई। गरीबी निवारण एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्यों एवं केन्द्र सरकार ने बहुत प्रयास किए। ग्रामीण भारत में रोजगार सृजन के मा/यम से आजीविका सुरक्षा एवं गरीबी निवारण के लिए एक विशेष दीर्घकालीन प्रभाव वाला कार्यक्रम राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी अधिनियम 2005 जो फरवरी, 2006 से प्रारम्भ किया गया, एक महत्वपूर्ण रोजगार सृजन, कार्यक्रम है। मनरेगा आज विश्व का सबसे बड़ा एवं अग्रणी रोजगार सृजन कार्यक्रम है। मनरेगा के तहत प्रत्येक रोजगार के इच्छुक ग्रामीण परिवार को सौ दिवस का शारीरिक श्रम पर आधारित रोजगार उपलब्ध करवाया जाता है। मनरेगा ने देश के ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी निवारण, रोजगार सृजन एवं आजीविका सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आदिवासी समुदाय, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला वर्ग एवं पिछड़ों के सामाजिक आर्थिक उत्थान में मनरेगा का सकारात्मक प्रभाव रहा है। प्रस्तुत अ/ययन राजस्थान के चुरू जिले से सम्बन्धित है। इस अ/ययन में चुरू जिले में रोजगार सृजन के सम्बन्ध में मनरेगा के प्रभाव का विश्लेषणात्मक अ/ययन करने का प्रयास किया गया है। प्रस्तुत अ/ययन द्वितीयक संमकों के विश्लेषण पर आधारित है। इसमें प्रतिशत, कुल का औसत, तालिका विश्लेषण आदि सांख्यिकीय विधियों का प्रयोग संमक विश्लेषण हेतु किया गया है।

शब्दकोशः मनरेगा, रोजगार, ग्रामीण, आर्थिक, सामाजिक, आजीविका।


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