राजस्थान अपनी लोक कला एवं संस्कृति हेतु पूरे विश्व में सिरमौर है। यहां पर अनेक लोक देवी देवताओं की पूजा व्यापक तौर पर होती है। इन्हीं में वीर गोगाजी चौहान मुख्य रूप से पूजे जाते हैं।
“ पाबू हङबु रामदे,मांगलिया मेहा
पांचों पीर पधार जो,गोगाजी जेहा”
उक्त पंक्ति से स्पष्ट है कि गोगाजी चौहान भी राजस्थान के इतिहास में प्रसिद्ध लोक देवता का स्थान रखते हैं। वीर गोगाजी चौहान की अनेक लोक कथाएं आमजन में सिर्फ मौखिक रूप से ही उपलब्ध है तथा उनके मंदिरों में भक्तों और पुजारियों द्वारा ही सुनाई जाती है। इन्हीं में से एक कथा पांच खोपड़ी के चमत्कार की आती है। यह पांच खोपड़ी पांच बावरी भाइयों के कटे हुए सिर हैं, जिन्होंने गोगा जी के आशीर्वाद से 17 वीं शताब्दी में चमत्कार दिखाए एवं प्रसिद्धि प्राप्त की है। इसी कथा को एक अ/ययन के रूप में संकलित किया गया है।