ISO 9001:2015

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (डैडम्) का विकास और उसकी चुनौतियाँ

डॉ. रघुवीर सिंह मीणा (Dr. Raghuveer Singh Meena)

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा हैं। ये उद्योग रोजगार सृजन, निर्यात और ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। MSME क्षेत्र छोटे और मंझले उद्यमियों को आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक परिवर्तन का अवसर प्रदान करता है। यह क्षेत्र भारत के विकास के लिए आवश्यक है, क्योंकि यह बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान करता है और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजारों में पहुँचाता है। इस शोधपत्र में MSME के विकास की प्रक्रिया पर चर्चा की गई है। सरकार द्वारा MSME के लिए बनाई गई नीतियाँ और योजनाएँ जैसे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, और अन्य योजनाओं का विवरण दिया गया है। इसके साथ ही, MSME क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियाँ, जैसे वित्तीय समस्याएँ, तकनीकी पिछड़ापन, विपणन की कठिनाई, कानूनी जटिलताएँ और मानव संसाधन की कमी पर भी विचार किया गया है। यह शोधपत्र यह बताता है कि MSME क्षेत्र को पूरी क्षमता से कार्य करने के लिए वित्तीय सहायता, बेहतर तकनीकी संसाधन, विपणन समर्थन, और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता है। अगर इन समस्याओं का समाधान किया जाता है, तो MSMEभारतीय अर्थव्यवस्था में अपना और भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बेहतर स्थान बना सकते हैं।


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