ISO 9001:2015

एन. टी. पी. सी. लिमिटेड एवं हिंडाल्कोे इंडस्ट्रीज लिमिटेड में निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व व्यवहार का तुलनात्मक अ/ययन

सुनील कुमार पटेल एवं डॉ. हिमांशु श्रीवास्तव (Sunil Kumar Patel & Dr. Himanshu Srivastava)

निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व वर्तमान के परिवर्तनशील समय की मांग है। चूँकि यह पर्याप्त नहीं है कि सरकार ही अपनी ओर से विभिन्न नीतियों को बनाकर उन्हें मूर्त रूप देती रहे, निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व पर स्व-नीतियां उन्हें सुचारू रूप से संचालियत करने का कार्य वर्तमान समय में कंपनियों को स्वयं करना चाहिए। निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व को निगमीय अंतःकरण, निगमीय नागरिकता व सतत्् उत्तरदायित्व व्यवसाय के नाम की संज्ञा भी सामजिक विद्वानों द्वारा दी जाती है। निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व एक उद्देश्य युक्त प्रक्रिया है जिसमे कंपनियाँ अपने सामजिक उत्तदायित्वों को पूरा करते हुए समाज में एक सकारात्मक प्रभाव डालती है जिससे कंपनियों के सभी हितधारक प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से लाभान्वित होते हैं। यह शोध प्रपत्र निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व की अवधारणात्मक जानकारी पर आधारित है एवं साथ ही साथ यह भारत देश की सुप्रतिष्ठित कंपनियों हिंडाल्कोे इंडस्ट्रीज लिमिटेड व राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड को निगमीय सामजिक उत्तरदायित्व गतिविधियों की तुलनात्मक अ/ययन पर भी /यान केंद्रित करता है। यह शोध पत्र द्वितीयक समंकों के साथ वर्णनात्मक प्रकृति का है। इस शोध अ/ययन के फलस्वरूप यह ज्ञात होता है कि हिंडाल्कोे इंडस्ट्रीज लिमिटेड व राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड दोनों कंपनियाँ गत 5 वर्षों से आबंटित धनराशि से अधिक का व्यय कर रही हैं और दोनों कंपनियाँ 2019-20 से आगामी वर्षों में निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व पर एक बढ़ती हुई धनराशि का आबंटन व विनियोग भी कर रही हैं जो हिंडाल्कोे इंडस्ट्रीज लिमिटेड व राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड दोनों के निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण का चित्र प्रस्तुत करती हैं। दोनों कंपनियों के निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व के क्षेत्र तो लगभग सामान है परन्तु उनके उप-क्षेत्रों में अंतर पाया गया है।

शब्दकोशः निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व, हिंडाल्कोे इंडस्ट्रीज लिमिटेड, राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड, एनटीपीसी।
 


DOI:

Article DOI:

DOI URL:


Download Full Paper:

Download