सृष्टि का वो पहला दिन जब मानव ने आँखें खोली तो उसके चारों ओर थी हरी-भरी प्रकृति। हजारों-हजार टन प्रकृति का बोझ लादे भीमकाय वृक्ष। निर्मल शीतल जल लिए झर-झर बहते झरने, हिलोरे लेती नदियाँ, झीमर की आवाज सुनाता शांत वातावरण। मनुष्य प्रकृति एवम् जलवायु के बीच जन्म लेता है और अन्ततः उसी में पंच तत्व में विलीन हो जाता है। प्रकृति में जो भी तत्व हैं, वह मनुष्य के जीवन का कारण, आधार व ऊर्जा है। जलवायु पर विचार करते हुए, स्थल मण्डल, जल मण्डल और वायु मण्डल मुख्य विषय है।
शब्दकोशः पर्यावरण, प्रदूषण एवं स्वास्थ्य, प्रकृति एवम् जलवायु, भीमकाय वृक्ष, स्थल मण्डल।