ग्रामीण महिलाएं समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो अक्सर विभिन्न चुनौतियों का सामना करती हैं। जैसेः- शिक्षा की कमी, स्वास्थ्य एवं पोषण की, आर्थिक गतिविधियों में कम भागीदारी आदि। ग्रामीण महिलाओं के महत्व को देखते हुए सरकार ने इनकी स्थिति में सुधार हेतु अनेक योजनाएं चलाई हैं। ये योजनाएं ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर मजबूत बना रही हैं। इन योजनाओं के कारण ग्रामीण महिलाएं अपने अधिकारों और संभावनाओं को पहचान कर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन आदि के तहत महिलाओं के ऋण और सब्सिडी मिलती रही है और वे छोटे व्यवसाय शुरू कर रही हैं। सरकार द्वारा चलाए जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं अभियानों के कारण ग्रामीण म्हिलाओं कन्या भूर्ण हत्या, कुपोषण में कमी आ रही है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और कौशल भारत मिशन के मा/यम से महिलाओं को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। जिससे वे आत्मनिर्भर बन सके। सरकार ने पंचायती राज अधिनियम के तहत महिलाओं को स्थानीय सरकारों में प्रतिनिधित्व देने के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, जिससे ग्रामीण महिलाओं की राजनीति में सक्रिय भागीदारी बढ़ रही हैं। हालांकि ग्रामीण महिलाओं में सरकारी योजनाओं की जानकारी की कमी, पारम्परिक सोच और समाज में महिलाओं की भूमिका के बारे मे पूर्वाग्रह, ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं का अभाव, जैसे इंटरनेट, परिवहन और स्वास्थ्य सेवाएं एवं योजनाओं के आवेदन और लाभ प्राप्त करने की जटिल प्रक्रिया उन्हें योजनाओं का लाभ उठाने में बाधक बने हुए है। इन कारणों को दूर करने के लिए जागरूकता बढ़ाने, शिक्षा और प्रशिक्षण के अवसरों में सुधार और स्थानीय प्रशासन की मदद से महिलाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता है ताकि ग्रामीण महिलाओं का समुचित विकास हो सके।
शब्दकोशः ग्रामीण महिलाएं, सरकारी योजनाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक आत्मनिर्भरता, राजनीति भागीदारी।