ISO 9001:2015

फसल संयोजनः दौसा जिले के संदर्भ में एक अ/ययन

डॉ. अजय सिंह कसाना (Dr. Ajay Singh Kasana)

अ/ययन क्षेत्र दौसा जिला राजस्थान के पूर्वी भाग में स्थित है, जिसकी ग्लोबीय स्थिति 26022‘ उत्तर से 27014‘ उत्तरी अक्षांश तथा 7608‘ पूर्वी देशान्तर से 7704‘ पूर्वी देशान्तर के म/य स्थित है। इसमें बसवा, दौसा, लालसोट, सिकराय व महुवा तहसील है। किसी इकाई क्षेत्र में बोयी जाने वाली प्रमुख फसलों के समूह को फसल संयोजन कहते हैं। किसी भी क्षेत्र में एक ही समय में कई प्रकार की फसलें बोयी जाती है, जिनका क्षेत्रीय विस्तार तथा कोटि गुणांक अलग-अलग होता है। यह अवधारणा परिवर्तनशील है क्योंकि समय व स्थान के साथ यह बदलती रहती है। क्षेत्र की जलवायु दशाओं, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक दशाओं का फसल संयोजन से निकट संबंध है। फसल संयोजन न केवल उस क्षेत्र के भौगोलिक कारकों के प्रभाव को प्रतिबिम्बित करता है वरन् कृषि भूमि उपयोग की दिशा तथा विभिन्न फसलों के क्षेत्रीय विस्तार और उसके गुणों को भी इंगित करता है। फसल संयोजन का अ/ययन कृषि भूगोल का एक महत्वपूर्ण पक्ष है क्योंकि यह कृषि प्रादेशीकरण का एक सुदृढ़ आधार प्रस्तुत करता है। प्रस्तुत शोध में फसल संयोजन की गणना वीवर की विधि से की गई है जिसके आधार पर पाया गया है कि दौसा जिले में फसल संयोजन तीन फसलों बाजरा, गेहँू एवं सरसों का है। उपर्युक्त विधि को तहसील स्तर पर लागू करने पर पाया गया है कि बसवा, महवा व सिकराय तहसील में फसल संयोजन तीन फसलों बाजरा, गेहँू एवं सरसों का है जबकि दौसा व लालसोट तहसील में फसल संयोजन चार फसलों क्रमशः बाजरा, गेहँू, सरसों एवं चना तथा गेहँू, सरसों, बाजरा एवं मूंगफली का है।

शब्दकोशः कृषि, कृषि फसलें, फसल संयोजन, वीवर विधि, कृषि सांख्यिकी, मानक विचलन एवं प्रसरण।
 


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