गांधी व अम्बेडकर के मध्य, वैचारिक एवं व्यावहारिक असमानता एवं समानता के दानों पक्ष दृष्टिगोचर होते है। व्यावहारिक तथा सैद्धान्तिक क्षेत्र में असमानता के कारणों में बाल्यकाल में मिले परिवेश की अहम् भूमिका रही है। गांधी का जन्म एवं बाल्यकाल संवदेनशील सदाशयी प्रवृतिपरक समपन्न परिवार में हुआ था। उनकी माता की धार्मिकता एवं ईश्वर भक्ति ने उनके बाल हृदय को इतना प्रभावित किया कि वे आजीवन धार्मिक व्यक्ति बने रहे। टालस्टॉय, रस्किन, हरिश्चन्द्र नाटक से प्रभावित गांधी, सत्य, अहिंसा, धर्म, ईश्वर के उपासक बन गये। सत्य की खोज उनके संपूर्ण जीवन का ध्येय बन गया ।