‘‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’’ अर्थात् जहॉं नारी की पूजा होती है, वहॉं देवता निवास करते हैं। भारतीय चिंतन परम्परा में महिला स्थिति को सशक्त एवं वंदनीय माना गया है लेकिन व्यवहार में स्थितियां भिन्न हैं। अतः आज हम महिला सशक्तीकरण की आवश्यकता पर चिंतन कर रहे हैं। महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण का अर्थ उनके आर्थिक फैसलों, आय, संपति और विकास के अवसरों की उपलब्धता से है। इन सुविधाओं को पाकर ही वह अपने सामाजिक स्तर को सुदृढ़ कर सकती हैं। भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सबसे पहले समाज में उनके अधिकारों और स्थिति को कमजोर करने वाली उन सभी प्रथाओं और मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है जो समाज में महिलाओं की स्थिति को कमजोर कर रही हैं। महिलाओं को कई क्षेत्र में विकास की आवश्यकता है।
शब्दकोशः महिला सशक्तीकरण, महिला नीति 2021, सामाजिक स्तर, आय, संपति और विकास।