ISO 9001:2015

भारतीय प्रशासनिक व्यवस्थाः ब्रिटिश शासन की विरासत

भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था उतनी ही पुरातन है जितनी भारतीय सामाजिक व सांस्कृतिक व्यवस्था। प्रत्येक अ/ययन विषय की नींव उसके व्यवहारिक पहलू पर रखी हुई है, अर्थात् किसी भी विषय के अ/ययन से पहले उसकी व्यवहारिक वस्तु स्थिति का जन्म हुआ। इसी प्रकार भारतीय प्रशासन भी पहले व्यवहार में आया फिर अ/ययन क्षेत्र का भाग बना। जिस प्रकार से सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनैतिक व्यवस्थाओं के व्यवहारिक पक्ष के बाद अ/ययन क्षेत्र का विकास हुआ और इन सभी व्यवस्थाओं के संचालन व प्रबंधन के लिए प्रशासनिक संरचनाओं व संगठन की आवश्यकता पड़ी। प्रशासन सभी व्यवस्थाओं का केन्द्र बिन्दू है। भारतीय प्रशासन का उत्थान प्राचीन काल से ब्रिटिश काल तक व्यवहारिक रहा और उसके पश्चात् अ/ययन विषय का रूप ले पाया। इस इकाई में मुख्य रूप से भारतीय प्रशासन के व्यवहारिक पहलू से संबंधित उत्थान की समीक्षा के साथ विश्लेषण पर /यानाकर्षित करेगें। इसमें प्राचीन काल में भारतीय प्रशासन की विशेष कार्य व्यवस्थाओं का अ/ययन करेंगें। इसी प्रकार मुगल प्रशासन के संगठन तथा ब्रिटिश काल की प्रशासनिक व्यवस्था व प्रणालियों के भारतीय प्रशासन पर प्रभावों को स्पष्ट किया जाएगा। इस इकाई में वर्तमान भारतीय प्रशासन की विशेषताऐं तथा इसकी सामाजिक-आर्थिक व राजनीतिक विकास से संबंधित भूमिका का वर्णन स्पष्ट रूप से किया गया है।

शब्दकोशः प्रशासनिक व्यवस्था, विरासत, रेग्युलेटिंग एक्ट, मार्ले-मिन्टो सुधार, माँटफोर्ड योजना, श्वेत पत्र। 


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