राजस्थान का पश्चिमी क्षेत्र मारवाड़ अपनी विविधता पूर्ण संस्कृति के लिए विश्व विख्यात है। इस मारवाड़ की पावन धरा ने विविध साधु संत, वीर-वीरांगनाएं दिए है जिसके साक्ष्य यहां के बीड़ड़ों, गांवों, ढाणियों में, तालाब की पाल पर लगे शिलालेख है। मारवाड़ का इतिहास बहुत ही समृद्ध रहा है। मारवाड़ की राजधानी पहले मण्डोर हुआ करती थी और यहां पड़िहार जाति के क्षत्रिय शासन करते थे। बाद में यहां राठौड़ शासकों ने मण्डोर पर शासन किया और जोधपुर को राजधानी बनाई।