कुशलगढ़ चीफशिप, बांसवाड़ा राज्य के दक्षिण-पूर्व में स्थित आदिवासी भील बाहुल्य क्षेत्र था, जिसकी स्थापना 1654 ई. (वि.सं. 1711) में अखैराज जी द्वारा, ‘कुशला भील’ (जो कि उनके हाथों मारा गया था) के नाम पर की गई थी। जबकि बांसवाड़ा राज्य के दस्तावेजों में उल्लेख मिलता है कि बांसवाड़ा राज्य के तत्कालीन शासक कुशलसिंह जी द्वारा भीलों से यह प्रदेश छीनकर, उनके द्वारा अखैराज जी को इनाम के रूप में यह प्रदेश प्रदान किया था।1