ISO 9001:2015

मारवाड़ की प्राचीनतम बावड़ी: मण्डोर बावड़ी

डॉ. प्रतिभा सांखला (Dr. Pratibha Sankhala)

सम्पूर्ण मारवाड़ में जल की अत्यन्त कमी रही है। क्योंकि मारवाड़ में वर्षा का औसत बहुत ही कम रहता है। इसलिए मारवाड़ में बूंद-बूंद जल एकत्रित करने की परम्परा के तहत ही यहाँ अनेक परम्परागत कुँए, बावड़ियाँ तालाबों का निर्माण करवाया गया। मण्डोर बावड़ी मण्डोर रेलवे स्टेशन के सामने बनी हुई प्राचीन बावड़ी है। यह बावड़ी पहाड़ काट कर बनाई गई है। यह एक मीठे पानी की बावड़ी है इसलिए इसे सुमनोहरा बावड़ी भी कहा जाता है। इसमें एक शिलालेख भी लिखा मिला है जिसकी लिपि कुटिल है। पर यह बावड़ी अब उचित रख रखाव के कारण उपेक्षित सी है।

शब्दकोशः मारवाड़, जल, जलाशय, बावड़ी, रेलवे स्टेशन, मण्डोर।


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