महाकवि कालिदास का साहित्य विश्व का अनन्यतम साहित्य है। उन्होनें संस्कत कें साहित्य को चरम सीमा तक पहुचानें मे महती भूमिका निभाई है। उनके काव्य में कल्पना की उँचाई, भावों का स्वप्नलोक, षब्दों की मधुर झंकार, भाषा में प्रसाद गुण के तत्व, चित्रों की उपमा, मनोरम दृश्यों का विधान, ऐन्द्रिय संवेदनाआंे की षाब्दिक अभिव्यंजना आदि काव्यगुण इनकी कृतियों में दृष्टिगोचर होतें है। कालिदास संस्कृत साहित्य के अमर कवि है।