सोजत परगने का सांस्कृतिक इतिहास -एक परिचय

भारतीय इतिहास लेखन मंे राष्ट्रीय स्तर व राज्य स्तर पर शोध व लेखन पर्याप्त रूप से हुआ है। पहले साम्राज्यवादी इतिहास लेखकों ने अपने लेखन से एक तरफा इतिहास लिखा। तत्पश्चात राष्ट्रवादी इतिहासकारों ने राष्ट्रवादी इतिहास लेखन कर राष्ट्रीय स्तर तक सीमित रखा। कालान्तर में कर्नल टॉड जैसे इतिहासकारांे ने राज्य स्तरीय इतिहास लेखन किया। हाल के कुछ दशकों में क्षेत्रीय व जातिय इतिहास को जगह देना प्रारम्भ किया है। किसी भी शासन का प्रभाव सबसे नीचे के स्तर पर पड़ता है। अतः स्थानीय इतिहास को प्रकाश में लाना एक वास्तविक इतिहासकार का कार्य है। इतिहास लेखन के इसी क्रम में पहले सिर्फ उच्च वर्ग तक ही सीमित था। किन्तु अब आम लोगों, जातियों का इतिहास लिखा जाने लगा। पिछले कुछ दशकों से राजस्थान में भी कई इतिहासकारांे व विद्वानों ने इस ओर कार्य किया है


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