संगीतकार शंकर जयकिशन और गायिका लता मंगेशकर की सांगीतिक-युति का हिन्दी फ़िल्म संगीत में विशिष्ट योगदान

हिन्दी फ़िल्म संगीत की एक ऐसी संगीतकार जोड़ी जिसने भारतीय सिने संगीत को विशेषकर गीतों के ओर्केस्ट्रेशन को अपने अद्वितीय कला कौशल से एक व्यापक स्तर प्रदान किया। ये दो नाम हैैं लेकिन सुनने वालों के मन मस्तिष्क पर सदा के लिए एक हो गए - शंकर-जयकिशन जिन्हंे सम्पूर्ण फ़िल्म  जगत एसजे के नाम से भी पुकारता है।
इस जोड़ी ने 1950 व 60 के दशक में भारतीय फ़िल्म संगीत को अपनी अद्वितीय धुनों और शानदार वाद्य संयोजन से एक नया आयाम दिया । इन धुनों को जब स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर जैसी अद्भुत आवाज़ का साथ मिला तो श्रोताओं को एक से बढ़कर एक नायाब गीत सुनने को मिले। शंकर जयकिशन ने अपने संगीत निर्देशन में जहां पुरूष गायकों में मुकेश, मोहम्मद रफ़ी और मन्ना डे जैसे गायकों को गवाया वहीं महिलाओं मंे हमेशा लता जी ही उनकी पहली पंसद रही या यू कहंे कि लता मंगेशकर ही शंकर जयकिशन की मुख्य आवाज़ रही।


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