राजस्थान राज्य की वित्तीय स्थिति का विश्लेष्णात्मक अ/ययनः (वर्ष 2018-19 से 2022-23)

लोकतंत्र में वित्तीय अनुशासन का मूल सिद्धांत है की सभी धन प्राप्तियों एवं व्ययों का बजट बनाया जाना चाहिए एवं स्वीकृत किया जाना चाहिए। सरकार के वार्षिक आय एवं व्यय का वार्षिक वित्तीय विवरण उस सरकार का बजट कहलाता है, यह आरम्भ हो रहे वित्तीय वर्ष में सरकार को होने वाली संभावित आय तथा संभावित व्ययांे का विस्तृत विवरण होता है। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद सरकार को वर्ष के दौरान होने वाली वास्तविक प्राप्तियो एवं व्ययों के आधार पर सरकार के लेखे तेयार किये जाते है। राज्य सरकार के गत वर्षो के लेखो से सरकार के राजस्व, बजट एवं राजकोषीय स्थिति की जानकारी मिलती है। प्रस्तुत शोध “राजस्थान राज्य की वित्तीय स्थिति का विश्लेष्णात्मक अ/ययन“ में राजस्व, बजट एवं राजकोषीय आधिक्य-घाटा तथा इनके विभिन्न घटकों का वर्ष 2018-19 से 2022-23 (पांच वर्ष) के म/य विश्लेष्णात्मक अ/ययन एवं प्रवत्ति विश्लेषण किया गया है। इसका तुलनात्मक अ/ययन करने पर इनकी  वर्षवार प्राप्तियों एवं व्ययों की एक प्रवत्ति स्पष्ट होती है। यह शोध राज्य सरकार के राजकोषीय स्थिति में वर्षवार होने वाले परिवर्तनों एवं राजकोष के वित्तीय प्रबंधन की व्याख्या करता है तथा आवश्यक सुझाव प्रदान करता है। यह शोध इस विषय पर उपलब्ध शोध अ/ययनों की समीक्षा करके किया गया है। लेखक को आशा है की पेपर के निष्कर्ष भारत में राज्य सरकारों के लिये के लिए बजट निर्माण एवं राजकोष के वित्तीय प्रबंधन हेतु महत्वपूर्ण सहयोगी साबित होंगे।

शब्दकोशः बजट, राजस्व आय-व्यय, पूंजीगत आय-व्यय, राजकोषीय आधिक्य-घाटा एवं वित्तीय प्रबंधन।


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