ISO 9001:2015

उच्च प्राथमिक विद्यालयों में निःशुल्क एवं अनिवार्य षिक्षा कानून के प्रति अभिभावकों की अभिवृत्ति पर प्रभाव का टोंक जिले के सन्दर्भ में अ/ययन

डॉ. (श्रीमती) किरण सिडाना एवं श्रीमती गिरिश्रृगां (Dr. (Smt.) Kiran Sidana & Smt. Girishringa)

6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चे विशेषकर कमजोर वर्ग के बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा दिलाने वाला शिक्षा का अधिकार कानून 2009 को लागु हुए काफी समय हो गया है, किन्तु अब तक देश के कमजोर वर्ग के करोड़ों बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्राप्त नहीं हो सकी है। इस अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बालकों को निजी षिक्षण संस्थाओं में 25 प्रतिषत प्रवेष दिया जाना आवष्यक है एवं यह जानने का प्रयास किया जाना आवश्यक है कि अभिभावकों को इसके प्रति अभिवृत्ति का प्रभाव क्या हैं। अतः निःशुल्क एवं अनिवार्य षिक्षा कानून के प्रति अभिभावकों की अभिवृत्ति का अ/ययन मुख्य उद्देश्य को लेते हुए प्रस्तुत शोध कार्य किया गया। जिसमें स्वनिर्मित अभिभावक अभिवृत्ति मापनी का उपयोंग कर 36 विद्यालयों के 144 अभिभावकों से ऑकडों का संकलन किया गया।निष्कर्ष में पाया गया कि टोंक जिले के उच्च मा/यमिक विद्यालयों में निःशुल्क एवं अनिवार्य षिक्षा कानून के प्रति अभिभावकों की कुल अभिवृत्ति एवं समस्त आयामों यथा: शिक्षा का अधिकार कानून से सम्बन्धित सूचना एवं जानकारी के प्रति अभिवृत्ति, विद्यालय प्रशासनिक व्यवस्था के प्रति अभिवृत्ति, सामाजिक सहभागिताhttps://updes.up.nic.in/विद्यालय प्रबन्ध समिति के प्रति अभिवृत्ति एवं शिक्षकों के व्यवहार के प्रति अभिवृत्ति’ के प्राप्तांकों का मान औसत स्तर से अधिक हैै।

शब्दकोशः निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून, अभिभावक, अभिवृत्ति।


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